रुद्रप्रयाग। गुरूवार सुबह केदारघाटी में एवलांच का मंजर देखकर केदारधाम पहुंचे यात्री सिहर गए। गनीमत यह रही कि इस एवलांच का असर मंदिर परिसर तक नहीं पहुंचा और इससे किसी भी तरह के जानमाल का कोई नुकसान नहीं होने की खबर है।
आज सुबह 8 बजे के बाद एवलांच की यह तस्वीर केदारनाथ मंदिर से ऊपर पहाड़ियों पर देखी गई, जो मंदिर से 4 किलोमीटर की दूरी पर हैं। बर्फ के इस सैलाब को देखकर केदारधाम में मौजूद श्रद्धालु भय से सिहर गए कुछ यात्रियों द्वारा इस एवलांच की तस्वीरें अपने मोबाइल में कैद की गई। इस तरह का एवलांच देखकर विशेषज्ञ भी चिंतित और परेशान हैं तथा वह इसे भविष्य के लिए खतरे के तौर पर देख रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि बीते साल भी इस तरह के 3 एवलांच इस क्षेत्र में देखे गए थे लेकिन इस साल मार्च माह से केदारघाटी में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण स्थितियां अलग तरह की हैं उनका मानना है कि केदार धाम के लिए संचालित की जाने वाली हेली सेवा भी इस तरह के एवलांच के लिए एक बड़ा कारण है इससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है वही वन्यजीवों को संकट पूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि केदारनाथ के पैदल मार्ग पर बर्फ के कारण यात्रियों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है कई बार ग्लेशियर टूटने से मार्ग बाधित हो चुका है घाटी में जमी बर्फ के कारण यहां भीषण सर्दी पड़ रही है तथा बारिश के कारण तमाम तरह की समस्याएं बनी हुई है। उधर अभी हेमकुंड साहिब के पैदल मार्ग पर बर्फबारी से 8कृ10 यात्री बर्फ की चपेट में आ गए थे जिनमें से एक महिला यात्री की मौत हो गई थी।