देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहने वाला है। हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार बुधवार की सुबह ट्रैक्टर पर सड़े हुए गन्ने लाद कर विधानसभा के गेट पर पहुंचे। विधायक उमेश कुमार ने ट्रैक्टर के साथ ही विधानसभा में जाने का प्रयास किया, लेकिन देहरादून एसएसपी सहित तमाम सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें गेट पर रोक लिया। काफी जद्दोजहद के बाद उमेश कुमार माने और उन्होंने ट्रैक्टर वापस भेजा। हालांकि सड़े हुए गन्ने वो विधानसभा में साथ लेकर गए।
ऐसे करके विधायक उमेश कुमार ने हरिद्वार में किसानों की समस्याओं पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया है। दरअसल, कल भी मॉनसून सत्र के पहले दिन निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने सदन के बाहर बैठकर सरकार पर किसानों के उत्पीड़न का आरोप लगाया था। हालांकि इस बारे में जब विधायक उमेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे आज ट्रैक्टर पर सड़े हुए गन्ने लेकर विधानसभा पहुंचे हैं। ताकि सरकार को दिखाए जा सके उनके क्षेत्र में किसानों और फसल की क्या स्थिति है।
निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने सरकार ने मांग की है कि हरिद्वार जिले को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाए। जिले के सभी किसानों का ऋण माफ किया जाए। इसके अलावा किसानों का बिजली बिल भी फ्री किया जाए।
विधायक उमेश कुमार का कहना है कि बाढ़ में किसानों की बर्बाद हुई फसल का सरकार ने जो मुआवजा दिया है, वो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। विधायक उमेश कुमार की मांग है कि सरकार को किसानों को सम्मानजनक राशि के रूप में कम से कम 12,000 रुपए प्रति बीघा देना चाहिए।
विधायक उमेश कुमार ने बताया कि इस मॉनसून ने किसानों की सारी फसल बर्बाद कर दी है। आज किसानों की हालत ये हो गई है कि अगली फसल की बुवाई और जुताई के लिए उसके पास पैसा नहीं है। उमेश कुमार ने सरकार पर आरोप लगाया कि डेढ़ महीने बाद भी सरकार ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में खराब हुई फसलों का निरीक्षण नहीं किया और न ही उन्हें सरकार की तरफ से कोई अनुदान पहुंचा है।विधायक उमेश कुमार का आरोप है कि आपदाग्रस्त क्षेत्रों में निरीक्षण के लिए प्रशासन के पास पर्याप्त मात्रा में पटवारी भी नही हैं। विधायक उमेश कुमार ने कहा कि आज वो विधानसभा में किसानों के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे।