रेन वाटर हार्वेस्टिंग की मजबूत करने के दिए निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में पेयजल विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में ठोस कार्य योजना बनाई जाय। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में कार्य किये जाय। इसे वर्क कल्चर में लाना जरूरी है। जल संचय की दिशा में सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। इसमें जन सहयोग भी जरूरी है। जन सहभागिता से होने वाले कार्यों के अच्छे परिणाम मिलते हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जिस भी विभाग द्वारा वृक्षारोपण करवाया जाता है, उन वृक्षों के संरक्षण एवं संवर्द्धन की पूरी जिम्मेदारी भी संबधित विभागों की होगी। उन्होंने कहा कि नलकूप एवं हैण्डपम्प जिस भी विभाग या संस्था द्वारा लगाये जा रहे हैं, उनके मेंटिनेंस के लिए उनकी जिम्मेदारी भी तय की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जल जीवन मिशन के कार्यों में और तेजी लाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि जल जीवन मिशन के तहत जिन घरों में नल लग चुका है, उनमें शुद्ध गुणवत्ता युक्त पेयजल उपलब्ध हो। हर घर नल, हर घर जल पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाय। पेयजल की उपलब्धता के लिए जो व्यावहारिक दिक्कते आ रही हैं, उनका शीघ्रता से समाधान किया जाए। ग्रीष्मकाल में प्रदेश के किसी भी जनपद में पेयजल की कमी न हो, इसके लिए उपलब्ध साधनों के साथ ही शीघ्र ही प्रत्येक जनपद को दो-दो वाटर टेंकर उपलब्ध कराये जाएं। गर्मियों में पेयजल समस्या का समाधान एक बड़ी चुनौती है। पेयजल, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सभी की प्राथमिकताओं में है।
सचिव पेयजलनितेश कुमार झा ने जानकारी दी कि जल जीवन मिशन के तहत उत्तराखण्ड में तेजी से कार्य हो रहा है। जल जीवन मिशन के तहत कार्य प्रगति में उत्तराखण्ड देश में छठवें स्थान पर है। जल जीवन मिशन के तहत स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों को शत प्रतिशत कवर कर लिया गया है। जल जीवन मिशन ग्रामीण के तहत राज्य के 62 प्रतिशत कनेक्शन दिये जा चुके हैं। दिसम्बर 2023 तक इसे शत प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। नाबार्ड फंड की 280 योजनाओं में से 244 पूर्ण हो चुकी है, शेष 36 इस साल पूरी हो जायेगी। नमामि गंगे की 23 योजनाओं में से 19 पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 04 पर कार्य प्रगति पर है। पिछले 05 वर्षों में मा. मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत 336 घोषणाओं में से 293 के शासनादेश हो चुके हैं। जिसमें से 133 पूर्ण हो चुकी हैं जबकि 160 पर पर कार्य प्रगति पर है।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, अपर सचिव नितिन भदौरिया, डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, उदयराज एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।